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Showing posts from August 19, 2018

dard shaery ka samandar

कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर..  के हासिल होने की उम्मीद भी नही थी, फिर भी वफ़ा करता था वो सच्चाई की मूरत भी नहीं थी  उसे मेरी जरूरत भी नहीं थी  मैं जिस शिद्दत से उसको चाहता था  वो उतनी खूबसूरत भी नहीं थी           रुमाल ले लिया है कि मैहजबीन से  कब तक पसीना पोछते आस्तीन से  ये आंसुओं के दाग हैं आंसू ही धोएंगे  ये दाग धुल न पाएंगे वाशिंग मशीन से तू खुशनुमा गुलनाज है  मैं भी तेरा हमराज हू. ये बात भी एक ऱाज है  सेतेरी हर बात में कुछ राज है मेरी हंसी तो मेरे ग़मों का लिबास है  जो कभी ना बुझ सके तु वो प्यास है हसरत ए दीदार में तड़पता था रात दिन खुशी की बात ये है कि तू मेरे आस-पास है तेरे सीने में मेरा दिल धड़कता नहीं तो क्या तुझसे मिलने के लिए ही तो उदास है  तुझको पता नहीं कि तू चीज क्या है मिल जाए तो दरिया ना मिले तो एक प्यास है