सददाम मुलाकात शायरी
उनके सिर्फ एक ही बात का एहसास है
उन्होंने ही कहाथा की जिंदा रहने के लिए तेरी कसम
एक मुलाकात जरूरी है सनम
जब उनसे मेरी पहली मुलाकात थी
मुझे याद है थोड़ी सी बरसात थी
मैं उनके लिए एक एहसास था
और वो मेरे लिए सबसे खास थी
पहली ही मुलाकात में उनको यह हैरत हुई थी
कि उनकी हर अदाओं से मैं वाकिफ कैसे हूं
और मैं सोच रहा हूं कैसे उन्हें बताऊं
जब जब दूर से उनको देखता था मुस्कुराते हुए
मेरी रूह मुझसे कहती थी मुझे गुदगुदाते हुए
तु उसकी हंसी देखने के लिए नहीं है
उसके साथ हंसने के लिए है
ये और बात है कि उनको हम सुबह शाम याद करते हैं
मैं तरसता रहता था उनकी एक झलक पाने को
और वो नूर दिखाती थी जमाने को
ये कहकर कि जो मेरा है वो तो मुझे देखेगा ही
औरों को भी दिखाने दो
सददाम पठन
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